मैं खुश नसीब भी नहीं, मैं बदनसीब भी नहीं,
मुझे दोस्त भी मिला, पर नसीब में नहीं!
वो बेवफा भी नहीं, मैं बेवफा भी नहीं,
एक दोस्त तो मिला, पर नसीब में नहीं!
वो दूर भी नहीं, औ करीब भी नहीं,
बस इतना समझ लो की अब नसीब में नहीं!
कोई साज़िश नहीं, कोई फसाना नहीं,
अब वो अपना नहीं, बेगाना भी नहीं!
मैं खुस-नसीब ..........................