रविवार, नवंबर 04, 2012

जब से हुई है मोहब्बत किसी से


जब से हुई है मोहब्बत किसी से
प्यार हो चला है हमें ज़िन्दगी से
वक़्त की कुछ खबर ही नहीं है
कहाँ वक़्त गुज़रा कहाँ रात की है
खुशबू उसी की ज़हन में बसर है
गुलों पर भी लगता उसी का असर है
खिलने लगी हैं अब कलियाँ भी ऐसे
ले रही वो अंगड़ाइयां जैसे

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