कसम
तुम कहती हो की खाओ कसम,
तुम्हें मुझसे प्यार है !
मेरे सर पे हाथ रख के कहो,
तुम्हें मुझसे प्यार है !
हाथ में अन्न है, जूठ न बोलना
तुम्हें मुझसे प्यार है !
उठाया है जल हाथ में, जूठ न बोलना
तुम्हें मुझसे प्यार है !
दुःख है, तुम्हें यकीं है कसम पर,
मुझ पर नहीं !
यकीं है तुम्हें हर चीज़ पर,
पर यकीं मुझपर नहीं!
समझो मुझे, इतना न खींचो कि,
टूट जाऊं मैं कहीं!
नासमझ, कैसे बताऊँ कि प्यार कि जुबान
होती ही नहीं!
आँख दिल कि जुबान होती है,
प्यार तो बेजुबान होती है !
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